Tuesday, 13 November 2018

पशु और इंसान

आजकल चर्चा मे है यह दोनों
पशु के जान की कोई कीमत नहीं क्या
बेशक होनी चाहिए
हर जीव को जीने का अधिकार है
पर वही जीव दूसरों की जान लेने लग जाय
तब क्या किया जाय
उसे जिंदा रखा जाय
ताकि औरों की जाने जाय
यह तो उचित नहीं है
न न्यायिक है
पशु प्रेमी इसके खिलाफ है
लेकिन इसका उपाय क्या??
पशुओं का शिकार तो होता रहा है
स्वयं पशु अपने जीवध यापन के लिए निरीह और कमजोर का शिकार करता है
जंगल का राजा शेर का निर्वाह भी ऐसे ही होता है
जंगल बना उनके लिए
पर इंसान को भी रहने की जगह चाहिए
जनसंख्या तो कम होने वाली नहीं
पेड़ तो कटेंगें ही
जंगल भी कम होते जाएंगे
पेड़ लगाने वाला भी तो वही है
उसे अपना नफा नुकसान पता रहना चाहिए
पर इसका यह मतलब तो नहीं
वह नरभक्षी बाघ को पाले
अपनी जान जोखिम मे डाले
परिवार बेघर हो जाय
बर्बाद हो जाय
किसी के घर का चिराग बुझ जाय
शिकार करना अपराध है
पर उसको क्यों छोड़े
जो नरभक्षी हो
अपनी जान पर बन आए
तब तो यह करना ही पडता है
इसे कोई अपराध नहीं मानना चाहिए

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