बकरी शाकाहारी प्राणी
निरीह और शांत
जो चाहे उसे परेशान कर सकता
गरिबों का सहारा
ज्यादा खर्च नहीं
पालने मे
घास ,चना मिल जाय बस
जिसके पास रहती है
वह बस इसे बेचने की फिराक में
क्योंकि हर वक्त उसकी मांग
छोटी हो या बडी
है तो शाकाहारी
पर मांसाहारी की पसंद
इतनी निरीह की यह हालत
कबीर दास का कहना
बकरी पाती खात है ताको ये हवाल
जे जन बकरी खात है ताको कौन हवाल
मांसाहार को दूर करें
शाकाहार को अपनाएं
किसी निरीह जीव की हत्या का भागीदार बनने से अच्छा है
उसको भी जीने दो
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Monday, 26 November 2018
शाकाहार को अपनाएं
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