जीवन का हर रंग लाजवाब
वह खुशी का हो गम का हो
प्रेम का हो सौंदर्य का हो
दोस्ती का हो रिश्तेदारी का हो
मिलन का हो जुदाई का हो
अपनेपन का हो
क्रोध का हो
तिरस्कार का हो
त्याग का हो समर्पण का हो
हर रंग इंद्रधनुषी है
बस नजरिया हो देखने का
बच्चे का जन्मना अथाह पीडादायक
पर उसके जन्मने की खुशी
वह तो निशब्द
बस मां के मुख पर मुस्कान और आँखों में आंसू
बेटी की बिदाई
बहुत दुखदायक
फिर भी बिदा करने को हर कोई उत्सुक
उसे नयी दूनिया जो बसानी है
पिता बिदा कर रहा है अश्रुपूरित नेत्रों से
गलती करने पर बच्चों पर आगबबूला
क्रोध का पारावार नहीं
यह उसके भविष्य की चिंता है
दोस्त से लडना और रूठना
पर उसके बिना रह भी न पाना
सबसे ज्यादा राजदार वही
सबसे करीब भी वही
पति और पत्नी का समर्पण
यह तो सबसे लाजवाब रिश्ता
खून के रिश्ते से भी बडा
भाई -बहन का रिश्ता
लड़ते रहे
सताते रहे
पर अमूल्य
प्रेम से भरा
यही तो इंद्र धनुष के रंग है
इकट्ठा हो जाते हैं
तब शमा बांध देते हैं
हर रंग लाजवाब
हर रंग अनूठा
इनके बिना तो जीवन अधूरा
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