Tuesday, 22 January 2019

उपहार

उपहार मिलता है
बहुत खुश होता है इंसान
प्रयत्न करता है
हम भी इसके एवज मे कुछ देंगे
उपहार का मूल्य नहीं
उसके प्रेम का मूल्यांकन
द्वारकाधीश कृष्ण को सुदामा का चावल भी खूब सुहाया
बदले मे सुदामापुरी बना दी
यह देना और लेना
इसी मे सारा संसार समाया
जो भी दिया जाएगा
वह दूगुना हो मिलेगा
तब क्यों नहीं ???
सम्मान के बदले सम्मान
प्यार के बदले प्यार पाया जाय
यह जीवन ही उपहार है
खुशी बांटे
स्वयं भी खुश
और लोग भी खुश
खुशियों की खुशबू से महकाए जग सारा।

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