आज चांद उदास है
रात भी वही
चांद भी वही
पर वह रौनक कहाँ ??
आज वह बात नहीं
जब वह चलता था
पीछे पीछे लगता था जैसे
आसमान चल रहा है
आज वह अकेला है
या फिर अकेला महसूस कर रहा है
लगता है चांदनी उससे रुठ गई है
कोहरा घना गहरा रहा है
बिना चांदनी तो जैसे अधूरा
तारे भी ढक गए हैं
काले काले बादलों मे कभी
अंदर कभी बाहर
पर आज चांदनी नहीं साथ
इसलिए चांद की चमक भी फीकी
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Saturday, 5 January 2019
आज चांद उदास है
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