महिला है पर कमजोर नहीं
आज ही नहीं सदियों से
यह बात जरूर है
उसे कम आंका गया
पुरूष का दंभ था यह
वह मानने को तैयार ही नहीं था
पर जानता भलीभांति था
यह न रही तो कुछ भी नहीं
इसे स्वतंत्रता दे देंगे
यह सर चढ़कर बोलेगी
वह यह चाहता नहीं था
अपने नियंत्रण मे रखना था
पंख उसका था
उड़ान नहीं भरना था
सब कुछ वह करती
घर - बच्चे संभालती
स्वामी यह बनता
बच्चे और घर इसका कहलाता
उसकी ताकत का अंदाजा था
तभी दबाकर रखा
उभरने नहीं दिया
अगर उसे स्वतंत्रता मिलती
इनका असतित्व खतरे में पड़ जाता
महिला है
कमजोर नहीं
उसकी शक्ति पर विश्वास करो
वह जननी है
जगनिर्मात्री है
घरनी है
परिवार की धुरी है
पुरूष की साथी है
संसार उसी से चलता
वह महान है
क्योंकि वह महिला है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 11 January 2019
महिला है महान है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment