जबसे होश संभाला
ख्वाब देखने का सिलसिला शुरू हुआ
ख्वाहिशें तो अनंत
नित नई जुड़ती जाती
एक पूरी हुई नहीं कि दूसरी की बारी आ जाती
हमेशा इसी मे मशरूफ रहे
नित नई चुनौती
पूरी करने का जुनून
आगे बढ़ते गए
पीछे देखने का मौका ही न मिला
बहुत कुछ हासिल कर लिया
जो चाहा वह किया
हर प्रयास
हर प्रयोग
दिन रात एक कर
उच्च मुकाम पर पहुंच कर पीछे देखा
सोचा अब तो कुछ बाकी नहीं
हाँ लेकिन कोई अंदर से कह रहा था
हाँ मुझे पीछे छोड़ दिया
जिंदगी को जीना भूला दिया
मुझे ही उंचाई पर पहुंचाते - पहुंचाते
मुझे ही छोड़ दिया
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Thursday, 28 February 2019
मुझे ही छोड़ दिया
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