Wednesday, 10 July 2019

कर्नाटक का नाटक

कर्नाटक का नाटक
कब तक
हमारे चुने हुए नेता
घूम रहे यहाँ से वहाँ
चार्टर्ड विमान से होटल में
बागी क्यों हो गए
सब सत्ता का खेल है
दलबदल का जोर है
जहाँ मलाईमक्खन
वही डेरा
नैतिकता समाप्त
समष्टिवाद से व्यक्तिवाद
चुनाव किस करवट लेगा
वही से शुरू दलबदल
जीत कर आने पर किसके साथ जाना
कहाँ फायदा
इसका गणित बिठा लेना
दोषारोपण करना
पार्टी छोड़ना
दूसरी पार्टी पर लाभदर पद
तब क्यों बंधे रहे
जहाँ गुड वही चोटियों की तरह इकठ्ठा
यही तो प्रजातंत्र है
हमारा मन
हम जो चाहे सो करे

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