Tuesday, 16 July 2019

कब तक इमारतें गिरती रहेगी

फिर हुई बरसात
फिर गिरी इमारत
हर साल हादसा
जान जाती है
बेघर हो जाते हैं
मुआवजे की घोषणा
फिर सब कुछ सामान्य

इमारत जर्जर है
रहना खतरा है
फिर भी रहा जाता है
सवाल रोटी और मकान
रोटी तो किसी तरह मिल ही जाती है
पर मायानगरी मुंबई में घर
यह तो आसान नहीं बल्कि एक तरह से असंभव
संकरी गलियां
जर्जर पुरानी इमारते
सुख सुविधा का अभाव
फिर भी रहने को मजबूर
जाए तो जाए कहाँ ??
कई पीढियाँ गुजर जाती है
परिवार बढते जाते हैं
तब भी रहना है

आवास को छोड़कर जाए कैसे ??
जान हथेली पर लेकर रह रहे
जान गई
अपने रहे नहीं
पर इस समस्या का समाधान क्या
दोषी कौन ??
रहवासी
सरकार
प्रशासन
शायद उत्तर निरूत्तर

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