Sunday, 7 July 2019

दिल का खेल

तन्हाई में तुम्हारी याद आती है
जी भर कर सताती है
सब बीती बात याद दिलाती है
कहने को तो हम तन्हा
पर तुम्हारी याद की परछाई साथ खडी है
वह दिन रात साथ चलती है
कभी हंसाती
कभी रूलाती है
कभी-कभी प्यार भी जताती है
यादों के झरोखे में ले जाती है
सब कुछ ऑखों के सामने ले आती है
कभी-कभी वह भर भी आती है
दिल धडकाती है
मन ही मन मुस्कराती है
मुस्कराते मुस्कराते तुम्हारी याद आ जाती है
तन्हा भी
साथ भी
अजब गजब है
दिल का खेल

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