Sunday, 4 August 2019

Happy friendship day

*मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना*

     तप्त हृदय को , सरस स्नेह से,
     जो सहला दे , *मित्र वही है।*

     रूखे मन को , सराबोर कर, 
     जो नहला दे , *मित्र वही है।*

     प्रिय वियोग  ,संतप्त चित्त को ,
     जो बहला दे , *मित्र वही है।*

     अश्रु बूँद की , एक झलक से ,
     जो दहला दे , *मित्र वही है।*

*मित्रता-दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ🌹👏💐*

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