Monday, 21 October 2019

अगले चुनाव तक

नारेबाजी बंद
लाउडस्पीकर बंद
भाषण बंद
एक दूसरे पर दोषारोपण बंद
अब तक गहमा-गहमी थी
सबमें जोश था
अब सब शांत
सबकी निगाहें चुनाव परिणाम पर
किस्मत बैलेट मशीन में बंद
अब टेलीविजन पर शुरू गर्मागर्म बहस
अंदाज लगाए जा रहे
आकडो का अनुमान लगाया जा रहा
किसका पलडा भारी
सारे चैनल इसी में लगें
कोई कुछ कह ले सुन ले
सिंकदर तो जीतने वाला ही कहलाएगा
वाह वाह उसी की
मीडिया भी फिर वही राग अलापेगी
जनता चुपचाप देखेगी
कुछ समय याद रख सब भूल जाएंगी
फिर अपने काम में लग जाएंगी
रोजी-रोटी की जद्दोजहद मे लग जाएंगी
नेता सत्ता की मलाई खाएंगे
तब तक
जब तक अगला चुनाव नहीं आता

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