Wednesday, 2 October 2019

सौ लोहार की तो एक सोनार की

अपनी परख स्वय करो
तुमसे अच्छा पारखी नहीं
लोग क्या सोचते हैं
लोग क्या कहते हैं
इससे बेहतर हमें क्या करना है
यह सोचना है
सोना जैसा बनना है
उसके कितने भी टुकड़े हो
उसका मूल्य कम नहीं होता
लोग लोहार है
हथौडा गर्म कर वार करते रहेंगे
तोडने की कोशिश करेंगे
शब्दों के व्यंग्य बाण छोड़ते रहेगे
बींध डालेगे मन को
मार्ग में रूकावट डालते रहेंगे
क्योंकि ये आप तक पहुंच नहीं सकते
लोहार पदार्थ गर्म होता है तभी वार करता है
ऐसे लोग भी पहले चिकनी चुपड़ी बातें कर अपना जाल बिछाएगे
फिर आपके हिमायती बन सब जानकारी लेंगे
तब जाकर आपकी दुखती रग पर हाथ रखेंगे
बातों का रायता फैलाएगे
क्योंकि यह उनकी प्यारा शौक है
सोनार  बन अपने जीवन की परख स्वय करना है
जीवन को नए नए रूप में गढना है
उसे मौल्यवान बनाना है
उसकी कीमत कोई न लगा सके इतना
ऐरो गैरो को पीछे छोड़ आगे बढते रहना है
हाथी चलता जाता है शान से
कुत्ते भौकते रहते हैं
क्योंकि उनकी औकात ही उतनी है
इन बड़बोले लोहारो को यह जता देना आ
   सौ लोहार की तो एक सोनार की

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