Thursday, 12 December 2019

मेरी गोदी का लाल

नन्हा मुन्ना बच्चा मेरा
नन्हे नन्हे पग
नन्हे नन्हे पग से
जब डग भरता
तब हो जाती मैं मग्न
तोतली तोतली बोली इसकी
सुन हो जाती मैं खुश
जब बुलाता माआ
तब मिलता मुझे स्वर्गिक सुख
नन्हे नन्हे हाथों से
नर्म नर्म उंगलियों से जब छूता
तब मेरा मन मयूर नाच उठता
नन्ही नन्ही ऑखे इसकी
जिसमें दिखता मुझको जग सारा
इसकी सब बातें मेरे मन को भाती
सारा जग दिखता मुझको
इस मेरे नन्हे मुन्ने में ही
सिमटा मेरा जीवन
मेरा सुख चैन यह
सौभाग्य मेरा
यह खेले कूदे
पढे लिखे
जग में नाम करे
बलाइया लेती रहूँ
इतराती रहूँ
हर प्रार्थना और दुआ में शामिल यह
मेरी गोदी का यह लाल
इस पर सब कुर्बान

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