Friday, 3 April 2020

मन रूपी दिया जलाया जाय

दिया जलाओ, मोमबत्ती जलाओ
टार्च जलाओ ,मोबाइल की लाइट जलाओ
अंधेरा करो फिर इनकी रोशनी फैलाओ
पांच तारीख ,नौ मिनट ,नौ बजे
ठीक है
लोग आपकी बात मानेंगे
बढ चढकर जलाएंगे
पर इसका हाल ताली और थाली बजाने वाला न हो
तब गरबा और ढोल ताशे
जुलूस निकालकर नाच गाना
इस बार
मशाल लेकर निकले
कैंडल मार्च करें
होली - दीपावली मनाने लगे
यह भारतीय है
उत्सव मनाना इनकी फितरत है
पर इस समय सावधानी की जरूरत है
बाजार में भीड़ इकट्ठी हो रही है
पता चला कैंडल और दिया खरिदना है
प्रधानमंत्री जी का अनुरोध है
पर यह उतने तक ही सीमित रहे
ऐसा न हो कि
सोचा कुछ हुआ कुछ
ऐसा माहौल है कि
गरीब के घर दिए में डालने के लिए तेल नहीं है
जब खाने को मुहाल
फुटपाथ पर जिंदगी बसर करने वाले
स्ट्रीट लाईट के सहारे रहनेवाले
सब इसी देश के नागरिक
झुग्गी झोपड़ी घास पूस से बनी
कहीं लेने के देने न पड जाय
सब जगह जगमग हो
अच्छी बात है
पर सावधानी के साथ
मन का अंधेरा दूर करना है
मन में दिए जलाए
आशा रखें कि जीवन फिर पटरी पर आ जाएं

No comments:

Post a Comment