उनसे डर लगता था
क्योंकि वह पुलिस वाला था
आज वह मददगार है
आज उनकी लाठी में भी प्यार झलकता है
चिंता नजर आती है
अब कोई विरोध नहीं
विरोध करने वालों की आलोचना
सब सहयोग करने को तत्पर
क्योंकि यह
हमारी पुलिस है
हमारी सुरक्षा चाहती है
हमारी जान की दुश्मन नहीं
अपनी जान खतरे में डाली है
दिन रात चौकन्ना
परिवार के लिए समय नहीं
हमारे लिए डट कर खडी है
भगा रही है
मार रही है
सिखा रही है
खाना भी खिला रही है
चौतरफा ख्याल रख रही है
आज डर नहीं
अपनापन है
क्योंकि वह मुस्तैद है
हमारे लिए
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 9 April 2020
हमारी पुलिस
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment