हवा आती जाती है
तभी अच्छी लगती है
बंद हवा में दम घुटता है
अलग तरह की स्मेल आने लगती है
खिड़की - दरवाजे बंद हो
ए सी , पंखा , कूलर चल रहा हो
तब भी ताजा तरीन हवा का मुकाबला नहीं
खुली हवा में सांस लेना अच्छा लगता है
घुटन भी महसूस नहीं होती
हवा को बांध कर नहीं रखा जा सकता
विचारों का भी यही है
विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिए
समय-समय पर अवगत कराना चाहिए
इतना खौफ न रखा जाए
कि विचार प्रकट ही न हो पाए
मौका दिया जाए
बात सुनी जाएं
वह छोटा हो या बड़ा
दबाने से कभी न कभी विस्फोट होगा
विचार को खुलने दीजिए
हिलने मिलने दीजिए
घर हो या बाहर
इतनी पाबंदी न हो
हर व्यक्ति मुक्त हो विचार रख सके
तभी सबमें सौहार्द कायम रह सकता है
No comments:
Post a Comment