Monday, 4 May 2020

दारू में है दम

दारू में है दम
दूर करता सारे गम
भूख के मारे जो थे
आज है दंग
दारू की दूकान गई खुल
दारू के दीवानों की हो गई बल्ले बल्ले
आज मजा आ गया
जान न पाए
किस बात की मिल रही थी सजा
दाल रोटी की किसे पडी
दो पेंग चढा ली
अपने आप हो गए टुन्न
इधर-उधर भटकेंगे
बेहोश हो गिरेंगे
दूसरे दिन सब भूल जाएंगे
सरकार में भी दम
तभी तो चाय की दुकान भले न खुले
दारू की दुकान गई है खुल
भारी भरकम कर आएगा
देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी
अब कोई कैसे कहे
दारू है घातक
आज यह बना आधार
हाथ धोने के लिए भी  अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर
कभी-कभी यह लगता है
दारू में है दम
जो दूर करता सारे गम

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