खाना और सोना
आजकल यही चल रहा है
पहले कहा जाता था
पशु का काम है यह
हम तो इंसान है
हमारे जीवन का उद्देश्य है
आज लगता है
काम काज 'संपत्ति 'धन - जायदाद
शिक्षा सब पीछे है
सब जान की सलामती चाह रहे हैं
मतलब जीवन क्या है
क्यों इतनी जद्दोजहद
जबकि जिंदगी का तो कुछ ठिकाना नही
हम दिन रात एक कर देते हैं
लडाई झगड़े 'वैमनस्य
सब पाल लेते हैं
तिनका-तिनका बचा कर रखते हैं
कल को काम आएगा
कल को तो हम जानते नहीं
कल को किसने देखा
फिर भी सब जारी है
जिंदगी किसी भी कीमत पर प्यारी है
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Tuesday, 5 May 2020
जिंदगी की कीमत
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