Wednesday, 3 June 2020

क्या यही इंसान है

क्या यही इंसान है
न दया न ममता बस क्रूरता
पशु तो पशु होते हैं
उनके पास बुद्धि नाम की चीज नहीं होती
उनके पास बस पेट होता है
वह हथिनी जो दाना पानी के लिए गई मनुष्य के द्वार पर
पाइनएप्पल में विस्फोटक पदार्थ भर उसके सामने परोस दिया
वह इंसान तो थी नहीं जो शक करती
खा गई और सब खत्म
गर्भवती थी
पेट का बच्चा और वह दोनों खत्म
वह कोई तोड़फोड़ नहीं कर रही थी
न उत्पात मचा रही थी
बस भोजन - पानी की आस में आई थी
और दानदाता ने इतना क्रूर मजाक कर दिया
भोजन तो नहीं जान ही ले ली
यह भी वह जगह जो सबसे शिक्षित गिना जाता है
जानवर इंसान को मारता है
तब उसे वहशी की स॔ज्ञा दी जाती है
अब ऐसे इंसानो को क्या कहेंगे
वह इतना स्वार्थी है
बस स्वयं जीना चाहता है
जंगल , नदी , तालाब सब कब्जे में कर रखा है
उनका हक उनसे छीन रहा है
तब अन्य जीव जाए तो जाए कहाँ
वह सभ्यता का आवरण ओढ जंगली है
उसकी इच्छा का कोई पारावार नहीं

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