Tuesday, 9 June 2020

बस याद ही अपनी है

कुछ यादें कभी नहीं भूलतीं
बस जेहन में ताजा रहती है
वह रची बसी रहती है
घुली मिली रहती है
इतनी कि यादे नहीं
जीवन का अभिन्न हिस्सा हो जाती है
जीवन की किताब में वह जुड़ जाती है
उस पन्ने को हम अलग नहीं करते
अच्छा लगता है
जब चाहा
खोलकर देख लिया
मन किया तो पढ भी लिया
बहुत कुछ कह जाती है
बीते दिनों की याद दिला जाती है
कुछ पल मुस्कराने का जरिया बन जाती है
कभी-कभी रूला भी जाती है
यह याद ही तो है
जो केवल अपनी है
हमारे मन में बसती है
इस पर किसी का अधिकार नहीं
यह सालों साल जीवित रहती है
हमें जीवन जीना सिखा देती है
यादो के सहारे हम सारे
तूफान - बवंडर पार कर जाते हैं
यह अपनी है
अपनो की है
शुभचिंतकों की है
जो इस दुनिया में नहीं
उनकी है
इसी बहाने हम उनको देख लेते हैं
महसूस कर लेते हैं
उनको याद कर ऑखे नम कर लेते हैं
कभी उनकी हरकतों को याद कर हंस उठते हैं
यादों का खजाना असीम है
उस पर कोई डाका नहीं डाल सकता
यह सीप के वह मोती है
जो हमारे मन की तिजोरी में सही सलामत है
ये यादे भूलने के लिए नहीं
याद करने के लिए होती है
यही तो बस अपनी असली पूंजी है

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