क्या यही काफी नहीं है
आज सुबह आपकी ऑख खुली
एक बहुमूल्य जीवन मिला
ईश्वर की इतनी बडी कृपा
लोग जीवन गंवा रहे हैं
सांस आ और जा रही है
दुआ मांग रहे हैं
अपने दूर हो रहे हैं
अपनों को खो रहे हैं
लाचार और मायूस है
उनके पास तक नहीं जा सकते
स्पर्श नहीं कर सकते
सर पर हाथ नहीं फेर सकते
दो पल बात नहीं कर सकते
अंतिम बिदाई नहीं दे सकते
सब जगह भय ही भय
मन डरा हुआ
प्रकोप का साया हर पल साथ साथ
ऐसे समय में जो सांस चल रही है
जीवन ऑख खोल रहा है
सुबह का सूरज देख रहे हैं
यह बहुत बडा सौभाग्य
सूर्य को प्रणाम करें
दुआ मांगे
हर किसी को यह सुहावनी सुबह का दर्शन हो
हर दिन नया
जीवन भी नया
उसका स्वागत करें
हाथ जोड़ प्रभु का धन्यवाद करें ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Saturday, 1 August 2020
प्रभु का धन्यवाद
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment