कैसा नाता है यह
मन में प्यार
बाहर तकरार
बडा जो हुआ तो उसका रौब
हुक्म चलाना
आदेश देना
हर गतिविधि पर नियंत्रण
जैसे वह बडा भाई बहन न हो
माँ बाप हो
डाट फटकार
लडना झगड़ना
उसमें भी छिपा गजब का प्यार
बडा हमेशा बडा ही रहता
छोटा कितना भी बडा हो जाय
छोटा ही रहता हरदम
भाई को बहन कुछ भी बोले
वह स्वीकार
पर दूसरा कोई कुछ कहें
वह नहीं बर्दाश्त
सारे जहां की खुबिया
नजर आती है भाई में
मन में हमेशा याद
सामने पडने पर कुछ और
अजीब सा नाता
जो दिखता है
वह होता नहीं
उम्र बढ जाती है
पर इस रिश्ते की उम्र
वही बरसों से एक ही जैसी
आज भी वही पहले वाली बात
स्वभाव सबके लिए भले बदल जाय
पर इस रिश्ते में ठहराव
वह नहीं बदलता
जो बदल जाय
तब तो औपचारिक है
यह रिश्ता तो ओरिजनल है
जो है जैसा है
वह हमें प्रिय है
हम कोई और नहीं
भाई - बहन है
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Sunday, 2 August 2020
हम है भाई-बहन
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