आप परेशान हैं
बाहर आपकी छवि कुछ घर में कुछ
यह दोतरफा
कुछ समझ नहीं आता
असमंजस में रहता है शख्स
मैं यह हूँ
या वह हूँ
घर में बिल्ली बाहर चूहा
कैसा है यह खेल निराला
ऑख मिचौली खेलते खेलते जिंदगी खत्म होने के कगार पर
आप तब तक गफलत में
घर में चुड़ैल और नागिन
बाहर मीठी मीठी कोयल
तब असलियत क्या है
यह छवि क्यों है
इसको बनाया किसने
इस मिथक को तोडो
गलतफहमी को दूर करों
आप तो वही है
जो घर में या बाहर में
घर और बाहर के बीच फंसा
अपनों और परायो का फर्क न समझा
तब भी साथ निभाता
अपना फर्ज निभाता
कभी अपनी नजरों में गिरता
कभी दूसरों की नजरों में
अपनी इज्जत
अपना सम्मान
अपने हाथों
फिर वह घर हो या बाहर
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Tuesday, 20 October 2020
घर और बाहर
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