Tuesday, 27 October 2020

संघर्षों की मिली जुली कहानी

वह सूर्य क्या जिसमें प्रकाश न हो
वह चंद्रमा क्या जिसमें चांदनी न हो
वह धरती क्या जो उदार न हो
वह सागर क्या जो विशाल न हो
वह वृक्ष क्या जो छायादार न हो
वह नदी क्या जो पानीदार न हो
वह वायु क्या जिसमें बहाव न हो

वह बचपन क्या जिसमें चंचलता न हो
वह पुरुष क्या जिसमें गंभीरता न हो
वह नारी क्या जिसमें कोमलता न हो
वह माता क्या जिसमें क्षमाशीलता न हो
वह पिता क्या जिसमें कर्मठता न हो

वह बालपन क्या जिसमें अठखेलियां न हो
वह जवानी क्या जिसकी कोई कहानी न हो
वह बूढापा क्या जहाँ अनुभव न हो
वह मानव क्या जिसमें मानवता न हो
वह जीवन क्या जहाँ हंसना - रोना न हो
सुख - दुःख से परे हो
वह संन्यासी क्या जिसमें लोलुपता हो
संघर्षों की मिली जुली कहानी
यही तो है जीवंतता की निशानी

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