मैं झूठ बोलती हूँ
बहुत कुछ छिपाती हूँ
इस तरह तुम लोगों को बचाती हूँ
बच्चों की गलती पर परदा डालना
पढाई में कम अंक आए तो छिपाना
फिल्म देखने और घूमने की इजाजत देना
चोरी छिपे पैसे देना
देर रात घर आए तो चुपके से दरवाजा खोल देना
यह तो हुई बच्चों की बात
अब तुम्हारी बात कर लें
तुम बात बात पर पर किच किच करों
बच्चों को कोसो
उनको घर से निकल जाने को कहो
कभी-कभी शराब पीकर आओ
मुझे कभी-कभी मार पीट दो
यह भी छिपाती हूँ
पडोसियों से
रिश्तेदारो से
यहाँ तक कि घर वालों से भी
ताकि तुम्हारी साख बनी रहे
इज्जत बनी रहे
घर सुचारू रूप से चलता रहे
तुम्हारे और बच्चों में प्रेम बना रहें
इस खातिर झूठा बनना पडता है
अन्याय सहन करना पडता है
चुप रहना पडता है
मन को मारना पडता है
मन रोता है चेहरे पर मुस्कान रहती है
दिखावा करना पडता है
ताकि एक दूसरे में स्नेह और सम्मान बना रहे
यह सब करना पड़ता है
तब जाकर एक सुखी परिवार बनता है
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