चेहरे पर मुस्कान
मन में उदासी
है बिदाई की बेला
जीवन का अनमोल समय
जहाँ किया समर्पण
आज वहाँ से नाता खत्म करना है
36 साल का नाता खत्म
इतना आसान नहीं
सब यादों में रचे - बसे रहेंगे
वह रूतबा वह ओहदा
अब फिर न मिलेंगा दोबारा
वह दोस्तों का साथ
वह हंसना - खिलखिलाना
वह क्रोध और खीझ
वह अपनापन वह रौब
वह आर्डर और आदेश
सब कुछ अब यही रह जाएंगा
अपने एक मन को यही छोड़ जाऊंगा
आप लोग तो अपनों से बढकर
उसकी जगह कौन ले पाएंगा
यह सम्मान यह प्यार
उधार रहा
यह कर्ज तो मैं ताउम्र न चुका पाऊँगा
अलविदा दोस्तों
तुम्हारी याद तो साथ लिए जाता हूँ
इतनी गुजारिश है
तुम लोग भी मुझे कभी-कभी याद कर लेना
मेरे पास तो यादों का पिटारा रहेंगा
जब जब याद आएगी
खोल कर झांक लूँगा
उस समय को याद कर
हौले से मन ही मन मुस्करा दूंगा
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Saturday, 28 November 2020
रिटायरमेंट की बेला
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