आज आ गए बिन बुलाये मेहमान
ठंड में भी बरसात
तब भी तुम बर्दाश्त
बोल कर आओ
बिना बोले आओ
कडकडा कर आओ
चुपके से आ जाओ
तुम सदा अपने से लगते हो
तुम्हें देखने को दिल करता है
मौसम भी खुशगवार लगने लगता है
बे मौसम की बरसात
तब भी लगें बेमिसाल
देता रहता जल
करता मन को प्रसन्न
सबके मन को भाए
यह बरखा कभी भी आए
आकर भावविभोर कर जाएं
मौसम की रानी है यह
सबकी प्यारी है यह
लगती सुहावनी है
यह हमारी दुलारी बरखा रानी है
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Friday, 11 December 2020
यह बरखा कभी भी आए
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