Sunday, 20 December 2020

जग क्या कहता है

जग मुझको क्या कहता है
जग मेरे बारे में क्या सोचता है
इन सबसे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
फर्क तो तुमसे पडता है
तुम मुझे कितना जानते हो
पहचानते हो
समझते हो
मेरा जग तो तुम्हीं हो
तुमसे ही मेरी दुनिया आबाद
तुमसे ही जुड़ी मेरी हर खुशी
तुम्हारी नजरों से मैं स्वयं को देखती
तुम्हारा नजरिया सर्वोपरि
और सबका नजरअंदाज करती
तुम्हीं हो मेरे जग
मेरी दुनिया
तब क्यों किसी की फिकर
बस रहे इसी तरह जीकर

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