Wednesday, 13 January 2021

साथ - साथ

हम तो चले थे साथ - साथ
सोचा था हमेशा बना रहेगा यह साथ
इस साथ को निभाना था
उसे हमेशा कायम रखना था
हर जतन उस साथ के लिए किए
कभी अकेले कभी साथ - साथ
तब पर भी न जाने क्या बात हुई
यह साथ , साथ न रह पाया
साथ तो सांस के साथ जुड़ी थी
सांस तो आती - जाती रहती है
पर हरदम साथ ही रहती है
जिस दिन यह साथ छोड़ जाती है
सब खत्म हो जाता है
वही तो यहीं हुआ
तुम्हारा साथ छूटा
सब जग रूठा
अब वह बात नहीं रही
जो साथ में रहने पर थी
साथी का साथ
जब तक हो साथ
तभी तक जिंदगी भी लगती है खास

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