Wednesday, 6 January 2021

जिसकी जो मर्जी वह करें

एक तन बेचती है
एक मजदूरी करती है
एक घर संभालती है
एक विज्ञापनो में अंग प्रदर्शन करती है
एक ऑफिस जाती है
सबकी अपनी-अपनी जीविका
घर चलाना है
बच्चों  को पालना है
कोई शौक से
कोई मजबूरी से
लेकिन जरूरते तो सभी की है
पैसा सभी को चाहिए
किसी की कम किसी की ज्यादा
पर पैसे बिना कुछ नहीं होता
अब कौन सही
कौन गलत
इसका निर्णय लोग न करें
सबका अपना अपना जीवन है
जिसकी जो मर्जी वह करें

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