खिड़की में खडा वह देख रहा था
एक गरीब कचरे के ढेर से कुछ उठा रहा था
उसे लगा वह कितना भाग्यशाली है
सब कुछ मिला है
गरीब ने भी एक अपाहिज व्यक्ति को देखा
जो चलने फिरने में असमर्थ
उसे महसूस हुआ
वह कितना भाग्यशाली है
उसके सारे अंग सही सलामत है
अपाहिज ने एक बीमार को देखा एम्बुलेंस में रखते हुए
उसे महसूस हुआ
वह अपंग है पर बीमार नहीं
उसे लगा वह कितना भाग्यशाली है
बीमार व्यक्ति ने देखा
अस्पताल के गेट से एक मृत शरीर को ले जाते हुए
उसे महसूस हुआ
वह कितना भाग्यशाली है
जीवित है और अच्छा भी हो जाएंगा
लाश तो लाश
वह तो कुछ बोल और सोच नहीं सकती
निष्कर्ष तो यही है
जीवन से अनमोल कुछ नहीं
अंगों का रुपयों से मोल नहीं
सही सलामत शरीर
उसमें धडकती सांस
चलती रहें
यही हर कोई चाहता है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 21 January 2021
यही हर कोई चाहता है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment