Monday, 18 January 2021

मरना आसान नहीं होता

जीना इतना आसान नहीं होता
मरना भी इतना आसान नहीं होता
जीने के लिए ही
न जाने कितनी बार मरना पडता है
अपनी आत्मा का गला घोंटना पडता है
तिल - तिल कर जलना पडता है
जीवन की बाती जलाने के लिए
न जाने क्या-क्या सहना पडता है
मरना तो कोई नहीं चाहता
जीने के संशाधन जुटाने में पल - पल मरता है
शरीर एक बार मरता है
आत्मा का पता नहीं ?
सैकडों - हजारों गिनती नहीं
मर जाएं तो सुकून मिल जाएं
यह जाने व्यक्ति कितनी बार सोचता है
अपनी इच्छाओं का गला घोटता है
जद्दोजहद करता है
तब भी जीता रहता है
अपमान - वेदना सहता रहता है
मरना आसान होता
तब जाने कब का वह मर गया होता
मरना भी आसान नहीं होता

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