Tuesday, 13 April 2021

जिंदगी जंग है

जिंदगी जंग है
फिर भी उमंग है
जन्म और मृत्यु
यह इसके अंग हैं
क्षण भर में
कुछ भी हो सकता है
फिर भी सोचना नहीं छूटता
आज का ठिकाना नहीं
भविष्य की योजना बनाता
हर शख्स यहाँ परेशान है
विवश है फिर भी विश्वास है
आज नहीं तो कल
सब कुछ ठीक हो जाएगा
समय एक सा नहीं रहता
दशा और दिशा
दोनों बदलते हैं
जो कभी जमीन पर
वह आसमान पर होता है
अपनी-अपनी सबकी लडाई
अपना अपना सबका जंग
जो जीता वह जीता
जो हारा वह हारा
फिर भी ठहरा रहा
युद्ध छोड़ भागा नहीं
जो भागा वह योद्धा नहीं
जंग तो है ही
हारने वाला भी जीतने वाला भी
योद्धा तो कहलाता ही है
तब जम कर जंग लडे
जो होगा वह होगा

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