आंधी - तूफान , जोरदार हवा के थपेडे
न जाने कितनी बार गिरा
फिर सीधा किया गया
बच्चों से बचा , पशुओं से बचा
किसी तरह धीरे-धीरे खडा हुआ
अपनी जड को नहीं छोड़ा
जमा रहा उसी का परिणाम है
आज मैं खिला - खिला
एक फूल फूला है , कल हो सकता है अनगिनत
मैं और बढू- फैलू
यह तभी संभव जब मैं अपनी जड से जुड़ा रहूँ।
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Sunday, 25 April 2021
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