Sunday, 16 May 2021

परछाइयां

वक्त  चलता रहा
हम भी साथ-साथ  चलते रहे
कभी आगे
कभी पीछे
कभी  साथ
लेकिन  पीछा नहीं  छोड़ा
चलता ही रहा परछाई  बन
कोशिश  करता रहा
परछाइयो  से पीछा छुड़ाना
यह तो मुमकिन  नहीं  हुआ
अतीत  हमेशा परछाई बन चलता रहा
कभी तेज धूप में
कभी स्याह अंधकार में
कभी-कभी  डराया भी
अतीत  परछाई बना रहा
वर्तमान  पर हावी ही रहा
कुछ  भी  हो जाएं
परछाइयां  जिंदगी  भर पीछा नहीं  छोड़ती है

No comments:

Post a Comment