हम फूल नहीं है जो मुरझा जाएं
थोडे से आंधी - तूफान से ढह जाएं
हम इतने कोमल नहीं है
कोई छू दे तो कुम्हला जाएं
हम वह नाजुक पौधा नहीं
जो जड सहित उखाड़ ले
हमें तो हर तूफान को झेलना आता है
अपनी जडो को कस कर पकड़ना आता है
हमारा दिल फौलाद का है
है छोटा सा पर है मजबूत
दिखते तो हम भी छोटे हैं
जज्बे बडे बडे
तभी तो हमें कहते हैं आदमी
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Saturday, 22 May 2021
तभी तो हमें कहते हैं आदमी
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