कितना अच्छा लगता है
जब कोई तुम्हारी कला की प्रशंसा करता है
वह फिर चित्रकार हो
कल्पनाकार कवि हो
गढने वाला मुर्तिकार हो
सब चाहते हैं
हमारे गुणों की सराहना हो
यहाँ तक कि छोटा बच्चा भी अपनी हैंडराइटिग को देख
अपने बनाए टेढे - मेढे चित्र को देख
किसी के सौन्दर्य की तारीफ करो तब देखो
हर व्यक्ति प्रशंसा और दो मीठे बोल का भूखा रहता है
फिर हम करने में इतनी कंजूसी क्यों ??
फेसबुक और इंसटाग्राम का जमाना है
अगर सच में तारीफें काबिल है तो एक लाइक करने में क्या जाता है
कितनी खुशी होती है जब हमारे पोस्ट पर प्रतिक्रिया मिलती है
तब खुशी दीजिए
न पैसा लगना है न कुछ खर्च
बस एक ऊंगली ही तो चलाना है
तब मन बडा कीजिए
विशाल दृष्टि कोण रखिए
प्रशंसा में कोई कसर न छोड़िए
वह फिर घर के खाने की बात हो
या मोबाईल पर कुछ पसंद हो ।
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Saturday, 19 June 2021
प्रशंसा में कंजूसी मत करें
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