तुमने मुझे दर्द दिया
दिल को ठेस पहुंची
मन दुखी हुआ
कुछ अंदर तक टूट गया
दिल का शीशा चूर - चूर हुआ
सारे सपने बिखर गएँ
फिर अचानक तुमको अपनी गलती का एहसास हुआ
तुमने अबकी बार फिर साॅरी बोला
यह साॅरी मेरे गले की फांस बन गया है
न उगलते बनता है
न निगलते
मैं बार बार माफ करूँ
तुम हर बार साॅरी बोलो
शायद यह साॅरी शब्द मन से नहीं निकलता है
तुम्हारे गले में ही कहीं अटका है
जो मन से नहीं तब उसमें माफी कैसी
साॅरी - वारी छोड़ कर
पहले स्वयं को बदलो
फिर यह साॅरी बोलो
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Thursday, 8 July 2021
फिर यह साॅरी बोलो
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