Thursday, 19 August 2021

नये सिरे से फिर जी लो

मन की मन में  छुपाया न करो
किसी न किसी से खुल कर बतियाया  करो
मन हल्का हो जाएगा
कुछ  सुकून मिल जाएंगा
कुछ  सलाह मिल जाएंगी
ऑखों के  ऑसू बह जाएंगे
जीने की आस जग जाएंगी
घुट - घुट कर जीना
इससे भली तो पीडा व्यक्त कर देना
कोई तो हमदर्द 
कोई तो साथी
जिसके सामने खोल दो दिल के राज
मरहम लग जाएंगा घावों पर
धीरज के दो बोल
कर जाएंगे दवा का काम
जी भर कर जी लो
अपने से गले मिल लो
हर राज को उजागर कर दो
नये सिरे से फिर जी लो

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