रोटी तो सब खाते हैं
पेट जो भरना है
पेट की भूख सब से बेहाल
अमीर हो या गरीब
जब भूख सताती है न
तब कुछ नहीं सुझता
पेट में कुलबुलाहट मचती है
तब स्वाद का भी ध्यान नहीं रहता
टूट पडते हैं भोजन पर
हाँ खाना अकेले हो
तब वह मजा नहीं
जहाँ सबके साथ खाया जाएं
वह दोस्तों के साथ हो
परिवार के साथ हो
तब मजा दुगुना
बतियाते और स्वाद लेते
खाना से केवल पेट ही नहीं भरता
मन भी भरता है
जब अपनों का साथ
तब खाना भी लाजवाब
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