क्या विडंबना है
मायके जाओ तब भी
न जाओ तब भी
प्रॉब्लम तो है ही
न जाओ
तो ससुराल के ताने
कोई इसको पूछता ही नहीं
ऐसे ही मायके में ही रहती होगी
झगड़ा करती होगी
या फिर
एकदम दरिद्र है सब
बेटी की खोज खबर नहीं लेते
जाने पर नया जुमला
जब देखो तब मायके में
डेरा जमाये रहती है
ससुराल में तो पैर ही नहीं टिकता
माँ- बाप चढाते रहते हैं
बेटी का घर बिगाड़ते हैं
मिला तब भी
न मिला तब भी
ताने तो सुनना ही है
गरीबी और अमीरी में तौला जाएंगा
यह प्यार भरा रिश्ता
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