कुछ कहते हैं
आप कविता लिखती है
हाँ लिखती तो हूँ
पर वह आपबीती हो
ऐसा नहीं
लोगों की सोच है
भावना जब हो तब कविता का जन्म
वह अपनी हो या पराई
भावना को समझ कर
शब्दों में उकेरना
यही तो कविता है
कुछ अपनी
कुछ दूसरों की
भावनाओं का मिश्रण
तभी वह बन जाती कविता
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