Thursday, 30 September 2021

हरि का नाम लो मगन लो मगन रहो

मन खाली - खाली लगता है
अब ये जैसा है उसको वैसा ही रखना है
सारी चिताओं और परेशानियों  से मुक्त रखना है
कौन क्या सोचेगा उसमें नहीं उलझना है
जिसको जो सोचना है वह उसकी सोच पर छोड़ना है
नहीं किसी की परवाह करना है
बेफिक्री से जीवन गुजारना है
आधे से ज्यादा तो बीत गई
कुछ बाकी है
उसको तो जी भर कर जी लेना है
जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाना है
आप रहे न रहे
यह दुनिया चलती रहेगी
किसी का काम नहीं रूकने वाला
गर मुर्गा बांग न दे तो
क्या सुबह नहीं होगी
सुबह तब भी होगी
सूरज तब भी निकलेगा
तब छोड़ मोह - माया का जंजाल
स्वयं भी खुश रहो
दूसरों को भी रहने दो
न किसी से अपेक्षा न किसी की अपेक्षा
बस अपने काम से काम
न दखलंदाजी करना
न रोक न टोक
सब अपने में मस्त
हरि का नाम लो मगन रहो

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