Friday, 3 September 2021

अब तुम कहाँ लौट कर आओगे

तुम तो चले गए
आभास तक न हुआ
सोते - सोते रूखसत हो गए
कुछ तो कहा होता
कुछ तो बताया होता
दिल की बात सांझा की होती
ऐसा क्या बोझ दिल पर ले लिया
दिल इतना दुख गया
जग से नाता तोड़ गया

अब याद रहेंगी वह बातें
जो तुमने किए थे
अब याद रहेंगे वह सपने
जो तुमने देखे थे
सपनों को साकार किए बिना ही
चुपके से चल दिए
इस लोक को छोड़कर
परलोक चल दिए

इतना कठोर कैसे हो गए
कोई मोहमाया न रही
हर बंधन तोड़ चल दिए
तुमको तो यह जग प्यारा था
खूब अपना लगता था
मुस्कान भरते रहते थे
प्यारी - प्यारी बातें करते थे
हंसते और खिलखिलाते थे
सफलता के शिखर पर चढते चढते
उडान भरते - भरते
न जाने कहाँ पहुँच गए
उस जहां में
जहाँ से लौटना संभव नहीं
बस यादों में रह जाओगे
अब तुम कहाँ फिर लौट कर  आओगे

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