आज का चांद कुछ खास है
चांद पहली बार निकला है
ऐसी बात नहीं
न जाने कितनी बार चांद का दीदार किया है
लपते - छिपते चलते देखा है
तारों के बीच देखा है
चांदनी बिखेरते देखा है
ग्रहण लगते भी देखा है
आधा - अधूरा देखा है
पूर्णिमा को पूरा
अमावस को बादलों के बीच ओझल होते देखा है
घटते - बढते देखा है
हमेशा से प्यारा लगता है
फिर भी आज का चांद कुछ खास है
प्रियतमा से पहली मुलाकात है
चांदनी में नहाएंगे
हाथ में हाथ डाल प्रेम भरी बातें करेंगे
कुछ - कुछ देर में तुझे भी निहारेंगे
एक चांद पास में
एक चांद आसमान में
तब तो सब लाजवाब
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Wednesday, 20 October 2021
आज का चांद कुछ खास है
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