Tuesday, 30 November 2021

साजन का साथ

चूडियां कलाई में
झनझनाती है
शोभती है
टूटती भी है
उसका कोई गम नहीं
पहनते पहनते हाथ भी छिल जाते हैं
घाव भी हो जाता है
वह चुभता नहीं
दर्द नहीं देता
हर बार हाथ आतुर पहनने के लिए
नये नये फैशन के
नये नये रंग के
मैचिंग के कपडों की
उसके पीछे कुछ खास बात है
वह है साजन का प्यार
जब वह कलाई पकड़ते हैं
तब पहले हाथ में यही तो आती हैं
वह निहारते हैं
अच्छा लगता है
जब उनके होठों पर हंसी आ जाती है
यह खनखनाती है
तब ऐसा लगता है
साजन का मेरा हाथ पकड़ना इसे भी भाता है
यह निशानी है सुहाग की
साजन के प्यार की
यह बजती रहें
साजन का साथ रहे
हाथों में हाथ रहें।

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