Tuesday, 7 December 2021

हवा सर्द है मौसम गरम है

हवा सर्द है
मौसम गर्म है
यह कैसे
वो ऐसे
चुनाव हैं सर पर
गर्मा गर्मी
गहमा-गहमी
दोषारोपण - प्रत्यारोपण
आलोचना - प्रशंसा
शब्दों के बाण और तीर
एक - दूसरे की कमियों का उजागर
हर नुक्कड़ पर
हर टेलीविजन चैनल पर
बस एक ही खबर
वह हैं चुनाव की
नेताओं की
उनके कार्यक्रमों की
उनके भाषणों की
पक्ष और विपक्ष
लगे हुए हैं
धुआंधार प्रचार शुरू है
जनता भी पीछे पीछे
कभी इस रैली में कभी उस रैली में
उसका क्या जाता है
खाना- पीना मिलता है
कुछ पैसे भी मिल जाते हैं
जाकर बैठना ही हैं  ना
घर पर बैठे है
बेकार और निठल्ले
उससे तो सभा में जाएं
कुछ सुने कुछ समझे
घर पर आने के बाद आराम से सोचे
किसको वोट देना है
किसकी सरकार बनाना है
कौन क्या मुफ्त में बांटेगा
कौन कितना विकास करेंगा
यह सोच सोच माथा गरम हो गया
हवा तो सर्द है भाई
पर मौसम गरम है

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