Tuesday, 28 December 2021

तुम हो तो मैं राजा हूँ

तुम हो तो मैं राजा हूँ
अपने घर का मालिक हूँ
सर्वेसर्वा हूँ
दफ्तर में एक अदना सा कर्मचारी
दिन में न जाने किसकी किसकी बातें सुनना
बाॅस का तो खौफ अलग से
कुछ बोलने के पहले सोचना पडता है

घर में तो रौब दिखाता हूँ
सुबह-सुबह चाय - नाश्ता तैयार
खाने में मनपसंद खाना
जो फरमाइश करू वह हाजिर
नहाना - खाना बस इससे सरोकार
कपडे धुलने ,इस्तरी करने
साग - सब्जी और राशन
यह सब तुम्हारी जिम्मेदारी
घर आकर सुकून की सांस
तुम्हारा चेहरा देख सारी टेंशन खत्म
ज्यादा हुआ तो तुम पर उतार कर खाली हो लिए

तुमसे ही तो घर है
मैं,  मैं हूँ
खाना तो होटल में भी मिल जाता है
वहाँ वह स्वाद कहाँ
जो तुम्हारे हाथ के पके खाने में
जब तुम साथ चलती हो
तब लगता है
मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब प्राणी हूँ
अकेला नहीं कोई साथी है
तुम्हारा साथ ही काफी है
और की जरूरत नहीं

मेरा गम मेरा दुख
मेरा तनाव मेरी चिंता
मेरी परेशानी
सब तुम हर लेती हूँ
हर समस्या चुटकियों में हल कर देती हूँ
मैं ऑर्डर देने और हुक्म चलाने का काम करता हूँ
घर में मेरा एकछत्र राज

तभी तो कहता हूँ
तुम हो तो मैं राजा हूँ

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