रात का चांद भी सुंदर था
उसकी चांदनी भी मनभावन थी
उसकी शीतल रोशनी तारों का संग
मद्धिम-मद्धिम और झिलमिलाती रोशनी सब कुछ मनमोहक
सुबह का सूरज भी सुंदर है
सुनहली आभा बिखेरते
बडे गोले से नारंगी सा निखरते हुए
उसका प्रकाश भी सुखदायक है
उसी से तो सब जागृत होते हैं
दिन और रात
दोनों अलग-अलग
दोनों का स्वभाव अलग
कार्य अलग
फिर भी दोनों ही जीवन के अविभाज्य अंग
एक प्यारा शीतल चांद
एक प्यारा जीवनदायी प्रकाशमान और तेजोमय सूरज
दोनों ही हैं प्यारे और न्यारे
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